गोरी गोरी गोरिया से लाली रे चुनरिया लाली रे चुनरिया लाली लाली बिंदिया से धानी रे अँचरिया धानी रे अँचरिया फगुआ भी गईल बौराईल हो रामा फगुआ भी गईल बौराईल ही रामा कौने ठइयाँ..!!
पिया निरमोहिया से बसे रे विदेशवा बसे रे विदेशवा नाहिं कोई चिठिया से नाहिं रे संदेशवा नाहिं रे संदेशवा अंगे अंगे पुरवा टाटाईल हो रामा अंगे अंगे पुरवा टाटाईल हो रामा कौने ठइयाँ...!!
बैरन कोयलिया से कुहू कुहू कुहुके कुहू कुहू कुहुके रतिया म मनवा से चिहुँ चिहुँ चिहुँके चिहुँ चिहुँ चिहुँके अँखियाँ में रतिया बीताईल हो रामा अँखियाँ में रतिया बीताईल हो रामा कौने ठइयाँ ...!!
नदी का किनारा,
वो अमिया की बगिया, वो सुबह का मौसम, घड़ों का निकलना, वो पानी में छप छप, वो आँखों का धुलना, वो खेतों को जाते, बैलो की रुनझुन, वो चिड़ियों की चहचह, वो लोगों का शोर, नदी का किनारा,
वो अमिया की बगिया।
वो पेड़ों की डालों पे हमारा फुदकना, वो दिनभर नदी में, मछलियाँ पकड़ना, वो लड़कपन का खेलना, वो मेढ़ों पे दौड़ना, वो दोस्तों का झगड़ना, वो रूठना मनाना, नदी का किनारा,
वो अमिया कि बगिया।
शाम ढले चाँद का पेड़ों पे उगना, तारों सितारों का झिलमिल चमकना, नदी की कोलाहल में संगीत का मिलना, बहुत याद आता है बचपन हमारा, वो नदी का किनारा,
वो अमिया की बगिया।