नागकन्या जरत्कारु नागराज वासुकी की बहन थी। नागों के मिले शाप से मुक्ति उसके पुत्र द्वारा ही संभव थी। किस प्रकार उसने नागों की सहायता हेतु अपना बलिदान दिया, यह इस कथा में वर्णित है। एक अनूठी कथा का आनंद लें। इसे सुनने के लिये इस लिंक पर क्लिक करें।
एक अनूठी और प्रेरक कथा।
महाभारत की कथा - धारावाहिक दो - राजकुमारी विशेषांक - कथा बारह
कथा - जरत्कारु का बलिदान
लेखन, वाचन एवं संगीत - विश्वजीत ‘सपन’
महाभारत की कथा - धारावाहिक दो - राजकुमारी विशेषांक - कथा बारह
कथा - जरत्कारु का बलिदान
लेखन, वाचन एवं संगीत - विश्वजीत ‘सपन’
(11.07.2021)
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